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सद्गुरुनाथ श्री सद्गुरुनाथ

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जय देव जय देव जय सद्गुरुनाथ श्री सद्गुरुनाथ
श्री भारतीतीर्थ गुरुसार्वभौम जय देव जय देव ॥धु०॥
वर्जितविषयकलाप दुर्जनसुदुराप
दूरीकृतनतपाप सच्चित्सुखरूप ॥
पूजितपन्नगभूषण प्रज्ञाजितधिषण
मुखनिर्धुततरुणारुण भक्तेषु सकरुण ॥
वीक्षालवहृतलोकालघुदुःसहशोक
शङ्करगुरुवरपूजक कृतनतजनभवुक ॥
परशिवपरावतार गतसर्वविकार
मुनिजनहृदयविहार कृतभुवनोद्धार ॥

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