Bookstruck

गारुडी

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बाजे घरे ख्याले । नजर करो माबाप ॥ १ ॥

भाव भगतसे खेल हमारा । तुम देखो सावकाश ॥ २ ॥

मीठा खेल मीठा खेल लगा है नीरधार । मीठा छोडकर पकरा संसार ॥ ३ ॥

एका जनार्दनका बंदा । हातमो काला साप बांधा ॥ ४ ॥

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