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मूर्ति के बाल

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ऐसा बताया जाता ही की मुख्य मूर्ति के सर पर जो बाल हैं वह उनके असली बाल है |ये बाल सदेव मुलायम रहते हैं और कभी उलझते भी नहीं |ऐसा कहते हैं की जब बालाजी के ऊपर एक चरवाहे ने हम्ला कर दिया था | ऐसे में उनके कुछ बाल टूट कर गिर गए थे |उस समय एक गन्धर्व राजकुमारी नीला देवी ने अपने बाल काट कर बालाजी को अर्पित कर दिए थे |वही बाल बालाजी ने अपने सर पर लगा लिए | इसके बाद उन्होनें नीला देवी को वादा किया की जो भी भक्त उनके दर्शन करने आयेंगे और अपने बाल उनके अर्पित करेंगे तो वह बाल नीला देवी को विशेष रूप से प्रदान हो जायेंगे |

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