Bookstruck

चिर सुरत कर केलि श्रमश्लथ...

Share on WhatsApp Share on Telegram
« PreviousChapter ListNext »

लो प्रिये हेमन्त आया!

चिर सुरत कर केलि श्रमश्लथ

शिथिल सालस गात अपने

स्फुरित जंघा औ" स्तनों से

पुलक मुखरित हर्ष अपने

तैल अंगों पर लगातीं

स्निग्ध करतीं हेमकाया,
लो प्रिये हेमन्त आया!
« PreviousChapter ListNext »