अज्ञात
12 वर्ष की उम्र में एक लड़का पहाड़ी इलाके में जिसका घर था स्कूल से रोज आते जाते हुए एक जंगल पड़ता था अपने मित्रों के साथ हंसते खेलते वह स्कूल जाता और उसी प्रकार वापस अपने घर चुपचाप लौट जाता उसके पिता बसरा के युद्ध में मारे गए थे और लेकिन मैं इन सब के बावजूद अपना धैर्य नहीं होती है और चाहती है कि उसका बेटा पढ़-लिखकर शहर जाए और अच्छा खासा नाम कमाएं बेटा अभी दुनिया के रीति रिवाजों से अनभिज्ञ दुनिया के टेढ़ेपन से अनभिज्ञ था धीरे-धीरे समय बीतता गया और आखिरकार उसकी मां के सपनों को उसके बेटे ने साकार किया और वह दूर शहर अपनी मां को छोड़कर चला जाता है बाहर की दुनिया पर जाने पर वह उसमें घुल मिल जाता है और ऐशो-आराम की जिंदगी व्यतीत करने लगता है इसी तरह तकरीबन 25 साल बीत जाते हैं एक दिन वही लड़का जब सड़क से अपनी कार से जा रहा था रास्ते में उसे एक एक्सीडेंट दिखाई दिए उसने देखा एक बूढ़ा आदमी सड़क पर मरा पड़ा है एक्सीडेंट देखकर उसको अपनी मां की याद आती है और वह अपनी मां से मिलने अपने गांव उस पहाड़ी इलाके में वापस जाने का निश्चय करता है मुझे लग रहा था कि अब तक उसकी मां नहीं रही होगी इस दुनिया में फिर भी वह मन को तसल्ली देने के लिए वहां पर जाता है और जब ढूंढते-ढूंढते अपने गांव में पहुंचता है लोग उसे पहचानते नहीं 2 दिन बीत गए वह गांव के मुखिया के यहां रह रहा था तीसरे दिन सुबह ही जब वह अपने घर वापस जाने के लिए तैयार रहो रहा था तो उसे एक सर जमीन पर मिट्टी का घर दिखाई दिया उसे तुरंत ही सब कुछ याद आ गया या तो उसके मां की रसोई थी जहां उसके लिए उसकी मां खाना बना रही थी उसकी आंखों में आंसू थे कि वह अपनी मां को बुढ़ापे में सुख नहीं प्रदान कर सका प्रार्थना करता है कि भगवान मेरी मां की आत्मा को शांति देना और वह वापस जंगल के रास्ते से अपनी कार लेकर चलता है जंगल के बीचो-बीच उसे एक अनजान परछाई दिखाई देती है ना जाने क्या हुआ कि उसकी कार स्वयं रुक जाती है यह कहे कि उसके पैर स्वयं break दबा देते हैं उसके दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं वह कार का दरवाजा खोलता है और करीब 8 कदम परछाई की तरफ बढ़ता है उसे लगता है कि वह परछाई एक चीता इंसान है जैसे-जैसे वह परछाई की तरह बढ़ता है है परछाई उल्टे पैर पीछे हटने लगती है और परछाई पीछे हटते हटते एक कुएं में गिर जाती है और एक भयानक चीज़ सुनाई देती है उसका दिल दहल जाता है वह वापस कार में आकर बैठता है वह शहर वापस लौट जाता है उसके मन में अभी भी उस परछाई को लेकर चिंता चल रही होती है कि वह अज्ञात कौन था....