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पूजा की विधि

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एक कलश में स्वच्छ पानी भरकर इसे ढंककर संतोषी माता के चित्र के समक्ष रख दें। इसके ऊपर गुड़, चना और पुष्प आदि रखकर पूजा प्रारम्भ करें। उपरोक्त वर्णित समस्त सामग्रियों को पूजन के दौरान पास रखें।

संतोषी माता के सामने घी का दीपक जलाकर प्रण करें कि आज के दिन संसार की समस्त बुराइयों से आप दूर रहेंगे और पूरी श्रद्धा व भक्ति भाव के साथ व्रत को विधिवत संपन्न करेंगे। अब सच्ची श्रद्धा से संतोषी माता के सामने अपने मन की इच्छा या मनोकामना प्रकट करें। समस्त बंधु-बांधवों एवं परिवार के लोगों के साथ पूजन संपन्न करें।

इसके बाद संतोषी माता की कथा का उच्चारण करें और संतोषी माँ की आरती करें। अब सभी लोगों में प्रसाद का वितरण कर स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें। आप इस दिन किसी निर्धन ब्राह्मण को भोजन कराकर वस्त्र आदि का दान भी कर सकते हैं, इससे आपको पुण्य की प्राप्ति होगी। इस तरह से यह व्रत सभी दुःखों और कष्टों को दूर कर आपके जीवन में आनंद की अनुभूति प्रदान करेगा। संतोषी माता अपने भक्तों के कष्टों और दुखों को दूर करने वाली मानी जाती हैं। जो भी सच्चे मन से उनकी शरण में जाता है उसका उद्धार आवश्य होता है।

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