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महात्मा गांधी

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आँखों मे था चश्मा, हाथों में थी लकड़ी।
इन्ही की बदौलत स्वतंत्रता की गाड़ी ने गति थी पकड़ी।।

जब सबको दिया जोश ,सबने इनकी मानी।
अपनी जान हथेली पर ली,और बने स्वतंत्रता सेनानी।।

रंग था सावला, पर विचार थे नेक।
सबको इन्होंने जगाया और कार दिया एक।।

खूब किया बलिदान, देदी अपनी जान।
क्या आपको पता है, कोन थे वो महान??।।।

खूब कि मेहनत लाये देशवासियों के ऋदय में स्वतंत्रता की आंधी।
वो और कोई नही,थे मोहनदास करमचंद गांधी।।

क्या खूब जोश है आपमे, बापू आप सदा हस्ते हो।
आपकी धोती में एक भी जेब नही थी,
लेकिन आज आप हर जेब में बसते हो।।

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