श्रीकृष्ण
<p dir="ltr">जय श्रीकृष्ण </p>
<p dir="ltr">महि माही खेल काही जन्म लिओ श्रीकृष्ण <br>
बुधवार अष्टमी को जेल मे ही आयो है।<br>
लइ वशुदेव ओको चलि दियो गोकुला को<br>
बीच माही यमुना भी  उधम मचायो है।<br>
कृष्ण ने भी जोर लात मारी यमुना को<br>
वशुदेवजी के चरनो मे यमुना लोटायो है।<br>
नंदद्वार पहुच गयो अब वशुदेव जी<br>
सीधे नंदजी के महल के अंदर सकायो है।<br>
यशुमति लगे धरि अपने लल्ला को<br>
लाली यशुमति की गोद मे उठायो है।<br>
लाला धरि लाली को लिए वशुदेवजी<br>
मथुरा की ओर तुरत भगायो है।<br>
बन गए कृष्णचन्द्र नंद के नंदन<br>
महराजकंश झूर घंटा बजायो है।<br>
</p>
<p dir="ltr">महि माही खेल काही जन्म लिओ श्रीकृष्ण <br>
बुधवार अष्टमी को जेल मे ही आयो है।<br>
लइ वशुदेव ओको चलि दियो गोकुला को<br>
बीच माही यमुना भी  उधम मचायो है।<br>
कृष्ण ने भी जोर लात मारी यमुना को<br>
वशुदेवजी के चरनो मे यमुना लोटायो है।<br>
नंदद्वार पहुच गयो अब वशुदेव जी<br>
सीधे नंदजी के महल के अंदर सकायो है।<br>
यशुमति लगे धरि अपने लल्ला को<br>
लाली यशुमति की गोद मे उठायो है।<br>
लाला धरि लाली को लिए वशुदेवजी<br>
मथुरा की ओर तुरत भगायो है।<br>
बन गए कृष्णचन्द्र नंद के नंदन<br>
महराजकंश झूर घंटा बजायो है।<br>
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