पितृ पक्ष
<blockquote><blockquote><p dir="ltr"><br>
<font color ="#ff00ff">जै जै कुँज विहारी                             </font><font color ="#ff00ff"> </font><font color ="#ff00ff">        </font><font color ="#ff00ff">                                     </font><font color ="#ff00ff">जै जै कुँज विहारी</font></p>
<p dir="ltr"><font color ="#ff00ff">(श्री राधा विजयते नमः) </font></p>
<p dir="ltr"><font color ="#ff00ff">(श्री मत् रमण विहारिणे नमः)</font><br>
</p>
</blockquote>
</blockquote>
<p dir="ltr"></p>
<blockquote><blockquote><p dir="ltr">श्राद्ध या पितृ पक्ष <b><u> !!</u></b><br>
</p>
</blockquote>
</blockquote>
<p dir="ltr"><br></p>
<p dir="ltr"><font color ="#ff0000">दिनाँक :- 17/09/2018</font><br>
<font color ="#ff0000">स्वामी श्री हरिदास राधेशनन्दन जू</font><br><br></p>
<p dir="ltr"><b><font color ="#0000ff"><b>पितृ पक्ष 2018: जानिए कब शुरू हो रहा है, किस तिथि पर आएगा कौन सा श्राद्ध</b></font></b><br><br></p>
<p dir="ltr"><b><font color ="#0000ff">पूर्णिमा से अमावस्या के ये 15 दिन पितरों को कहे जाते हैं। इन 15 दिनों में पितरों को याद किया जाता है और उनका तर्पण किया जाता है। श्राद्ध को पितृपक्ष और महालय के नाम से भी जाना जाता है। इस साल 24 से 8 अक्टूबर तक श्राद्धपक्ष रहेगा। जिन घरों में पितरों को याद किया जाता है वहां हमेशा खुशहाली रहती है। इसलिए पितृपक्ष में पृथ्वी लोक में आए हुए पितरों का तर्पण किया जाता है। जिस तिथि को पितरों का गमन (देहांत) होता है उसी दिन पितरों का श्राद्ध किया जाता है। </font></b></p>
<p dir="ltr"><b><font color ="#0000ff"><b>जानिए किस तिथि को कौन सा श्राद्ध आएगा</b></font></b></p>
<p dir="ltr"><b><font color ="#0000ff">24 सितंबर 2018 पूर्णिमा श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">25 सितंबर 2018 प्रतिपदा श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">26 सितंबर 2018 द्वितीय श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">27 सितंबर 2018 तृतिया श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">28 सितंबर 2018 चतुर्थी श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">29 सितंबर 2018 पंचमी श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">30 सितंबर 2018 षष्ठी श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">1 अक्टूबर 2018 सप्तमी श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">2 अक्टूबर 2018 अष्टमी श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">3 अक्टूबर 2018 नवमी श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">4 अक्टूबर 2018 दशमी श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">5 अक्टूबर 2018 एकादशी श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">6 अक्टूबर 2018 द्वादशी श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">7 अक्टूबर 2018 त्रयोदशी श्राद्ध, चतुर्दशी श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">8 अक्टूबर 2018 सर्वपितृ अमावस्या</font></b></p>
<font color ="#ff00ff">जै जै कुँज विहारी                             </font><font color ="#ff00ff"> </font><font color ="#ff00ff">        </font><font color ="#ff00ff">                                     </font><font color ="#ff00ff">जै जै कुँज विहारी</font></p>
<p dir="ltr"><font color ="#ff00ff">(श्री राधा विजयते नमः) </font></p>
<p dir="ltr"><font color ="#ff00ff">(श्री मत् रमण विहारिणे नमः)</font><br>
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<blockquote><blockquote><p dir="ltr">श्राद्ध या पितृ पक्ष <b><u> !!</u></b><br>
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<p dir="ltr"><font color ="#ff0000">दिनाँक :- 17/09/2018</font><br>
<font color ="#ff0000">स्वामी श्री हरिदास राधेशनन्दन जू</font><br><br></p>
<p dir="ltr"><b><font color ="#0000ff"><b>पितृ पक्ष 2018: जानिए कब शुरू हो रहा है, किस तिथि पर आएगा कौन सा श्राद्ध</b></font></b><br><br></p>
<p dir="ltr"><b><font color ="#0000ff">पूर्णिमा से अमावस्या के ये 15 दिन पितरों को कहे जाते हैं। इन 15 दिनों में पितरों को याद किया जाता है और उनका तर्पण किया जाता है। श्राद्ध को पितृपक्ष और महालय के नाम से भी जाना जाता है। इस साल 24 से 8 अक्टूबर तक श्राद्धपक्ष रहेगा। जिन घरों में पितरों को याद किया जाता है वहां हमेशा खुशहाली रहती है। इसलिए पितृपक्ष में पृथ्वी लोक में आए हुए पितरों का तर्पण किया जाता है। जिस तिथि को पितरों का गमन (देहांत) होता है उसी दिन पितरों का श्राद्ध किया जाता है। </font></b></p>
<p dir="ltr"><b><font color ="#0000ff"><b>जानिए किस तिथि को कौन सा श्राद्ध आएगा</b></font></b></p>
<p dir="ltr"><b><font color ="#0000ff">24 सितंबर 2018 पूर्णिमा श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">25 सितंबर 2018 प्रतिपदा श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">26 सितंबर 2018 द्वितीय श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">27 सितंबर 2018 तृतिया श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">28 सितंबर 2018 चतुर्थी श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">29 सितंबर 2018 पंचमी श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">30 सितंबर 2018 षष्ठी श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">1 अक्टूबर 2018 सप्तमी श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">2 अक्टूबर 2018 अष्टमी श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">3 अक्टूबर 2018 नवमी श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">4 अक्टूबर 2018 दशमी श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">5 अक्टूबर 2018 एकादशी श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">6 अक्टूबर 2018 द्वादशी श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">7 अक्टूबर 2018 त्रयोदशी श्राद्ध, चतुर्दशी श्राद्ध</font></b><br>
<b><font color ="#0000ff">8 अक्टूबर 2018 सर्वपितृ अमावस्या</font></b></p>