जीवन की भूल
तेरे जीवन को महकाए,
मै ऐसे कोई भूल बनूँ।
स्पर्श तनिक ही मिल जाए
चाहे चरणों की धूल बनूँ।।
मै नही चाहती बनूँ कोई
जयमाला तेरे तन की
मै नही चाहती बनूँ कोई
सुरबाला तेरे जीवन की
दोहराओ तुम जिसको पल-पल
मै ऐसे कोई भूल बनूँ।।
चाहे- - - - - - - - - - -
आँचल "अंकन"