नारी
<p dir="ltr">नारी तुम माँ की ममता हो,<br>
बहन का दुलार हो तुम।</p>
<p dir="ltr">सूरज की किरण हो,<br>
वसुधा पर जीवन का आधार हो तुम।</p>
<p dir="ltr">प्रातः में उषा हो,<br>
सन्ध्या का आसार हो तुम।</p>
<p dir="ltr">नारी तुम्ही स्वधा हो,<br>
पापियों का संघार हो तुम।</p>
<p dir="ltr">मनुज तन का आकार हो,<br>
युगों युगों से पालती संसार हो तुम।</p>
<p dir="ltr">स्तब्ध ज्योत्स्ना की चमक हो,<br>
फैलाती मृग कस्तूरी बयार हो तूम।</p>
<p dir="ltr">मन की चंचलता तुम हो,<br>
हृदय की झंकार हो तुम।</p>
<p dir="ltr">सृष्टि निरुपा देवी तुम हो,<br>
आकर्षण अपार हो तुम।।</p>
<p dir="ltr"> "आँचल"अंकन#</p>
बहन का दुलार हो तुम।</p>
<p dir="ltr">सूरज की किरण हो,<br>
वसुधा पर जीवन का आधार हो तुम।</p>
<p dir="ltr">प्रातः में उषा हो,<br>
सन्ध्या का आसार हो तुम।</p>
<p dir="ltr">नारी तुम्ही स्वधा हो,<br>
पापियों का संघार हो तुम।</p>
<p dir="ltr">मनुज तन का आकार हो,<br>
युगों युगों से पालती संसार हो तुम।</p>
<p dir="ltr">स्तब्ध ज्योत्स्ना की चमक हो,<br>
फैलाती मृग कस्तूरी बयार हो तूम।</p>
<p dir="ltr">मन की चंचलता तुम हो,<br>
हृदय की झंकार हो तुम।</p>
<p dir="ltr">सृष्टि निरुपा देवी तुम हो,<br>
आकर्षण अपार हो तुम।।</p>
<p dir="ltr"> "आँचल"अंकन#</p>