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तस्वीर अभी बाक़ी है....

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आंखों में है खामोशी मेरी
शायद तस्वीर तेरी बाक़ी है।
लफ़्जों पर है छाई उदासी
कुछ गुफ्तगू की वह बात अभी भी बाक़ी है।

मुस्कुरा पड़ता हूं मै कभी यूं हीं
शायद चाहत अभी बाक़ी है।
गुजरता हूं मै फिर तेरी यादों की उन्हीं गलियों से
कुछ बेकरारी अभी भी बाक़ी है।

ठहर जाओ तुम और ख्वाबों में मेरे
कुछ रात अभी और बाक़ी है।
इंतजार अक्सर करता हूं मै तेरा
शायद ऐतबार अभी बाक़ी है।

हर वक़्त सोचता हूं मै तुझे  अक्सर
शायद कोई बात अभी बाक़ी है।
दूर होकर अक्सर करीब पाता हूं मै
शायद इज़हार अभी भी बाकी है।

धड़कती है धड़कन अब मेरी कुछ कुछ रुक रुककर
लेकिन जान अभी बाक़ी है।
हर कांटो से बचता है मै
क्योंकि इश्क़ में बात अभी बाक़ी है।

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