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प्रकृति निर्गुण प्रकृति स...

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प्रकृति निर्गुण प्रकृति सगुण । दीपें दीप पूर्ण एका तत्त्वें ॥ १ ॥

देखिलेंगे माये पंढरिपाटणीं । पुंडलिका आंगणी विठ्ठलराज ॥ २ ॥

विज्ञानेंसी तेज सज्ञानेसी निज । निर्गुणेंसी चोज केलें सयें ॥ ३ ॥

मुक्ताई तारक सम्यक विठ्ठल । निवृत्तीनें चोखाळ दाखविलें ॥ ४ ॥

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