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फिर मुझे दीदा-ए-तर याद आया

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फिर मुझे दीदा-ए-तर[1] याद आया
दिल जिगर तिश्ना-ए-फ़रियाद[2] आया

दम लिया था न क़यामत ने हनूज़[3]
फिर तेरा वक़्त-ए-सफ़र याद आया

सादगी-हाए-तमन्ना, यानी
फिर वो नैरंगे-नज़र[4] याद आया

उज़्रे-वा-मांदगी[5] ऐ हसरते-दिल
नाला[6] करता था जिगर याद आया

ज़िन्दगी यों भी गुज़र ही जाती
क्यों तेरा राहगुज़र याद आया

क्या ही रिज़्वां[7] से लड़ाई होगी
घर तेरा ख़ुल्द[8] में गर याद आया

आह वो जुर्रत-ए-फ़रियाद कहाँ
दिल से तंग आ के जिगर याद आया

फिर तेरे कूचे को जाता है ख़याल
दिल-ए-गुमगश्ता[9] मगर याद आया

कोई वीरानी-सी वीरानी है
दश्त[10] को देख के घर याद आया

मैंने मजनूं पे लड़कपन में 'असद'
संग[11] उठाया था कि सर याद आया

शब्दार्थ:
  1. भीगी हुई आँख
  2. सोग का प्यासा
  3. अभी
  4. दृष्टि का सौन्दर्य
  5. थकन का बहाना
  6. रुदन
  7. स्वर्ग का दरबान
  8. स्वर्ग
  9. खोया हुआ दिल
  10. जंगल
  11. पत्थर
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