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वो आके ख़्वाब में तस्कीन-ए-इज़्तिराब तो दे

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वो आके ख़्वाब में तस्कीन-ए-इज़्तिराब[1] तो दे
वले[2] मुझे तपिश-ए-दिल[3] मजाल-ए-ख़्वाब[4] तो दे

करे है क़त्ल, लगावट[5] में तेरा रो देना
तेरी तरह कोई तेग़े-निगह की आब तो दे

दिखा के जुंबिश[6]-ए-लब ही तमाम कर हमको
न दे जो बोसा, तो मुँह से कहीं जवाब तो दे

पिला दे ओक[7] से साक़ी, जो हमसे नफ़रत है
प्याला गर नहीं देता न दे, शराब तो दे

"असद" ख़ुशी से मेरे हाथ-पाँव फूल गए
कहा जो उसने, ज़रा मेरे पाँव दाब तो दे

शब्दार्थ:
  1. बेचैनी को तसल्ली
  2. अगर कहीं
  3. दिल की गर्मी
  4. सोने की काबलियत
  5. छेड़ना,तंग करना
  6. हरकत
  7. हाथों का प्याला
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