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हम रश्क को अपने भी गवारा नहीं करते

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हम रश्क[1] को अपने भी गवारा[2] नहीं करते
मरते हैं, वले[3] उन की तमन्ना नहीं करते

दर पर्दा[4], उन्हें ग़ैर से है रब्त-ए-निहानी[5]
ज़ाहिर[6] का ये पर्दा है कि पर्दा नहीं करते

यह बाइस-ए-नौमीदी-ए-अरबाब-ए-हवस[7] है
"ग़ालिब" को बुरा कहते हो अच्छा नहीं करते

शब्दार्थ:
  1. ईर्ष्या
  2. सहमत होना
  3. लेकिन
  4. परदे के पीछे
  5. गुप्त मित्रता
  6. दिखावा
  7. कामुक लोगों की निराशगी का कारण
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