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ज्ञानेंसि विज्ञास रूपेंसि...

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ज्ञानेंसि विज्ञास रूपेंसि सज्ञान । ध्यानेंसि धारणा हारपली ॥१॥

तें रूप संपूर्ण वोळलें हें खुण । नंदासी चिद्धन वर्षलासे ॥२॥

अरूप सरूप लक्षिता पै माप । नंदा दिव्य दीप उजळला ॥३॥

निवृत्ति संपूर्ण नामनारायण । सच्चिदानन्दघन सर्व सुखी ॥४॥

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