Bookstruck
अपना अहवाल-ए-दिल-ए-ज़ार कहूँ
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ये न थी हमारी क़िस्मत के विसाले यार
[1]
होता
अगर और जीते रहते यही इन्तज़ार होता
शब्दार्थ:
↑
प्रिय से मिलन
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