Bookstruck

अपना अहवाल-ए-दिल-ए-ज़ार कहूँ

Share on WhatsApp Share on Telegram
« PreviousChapter ListNext »

ये न थी हमारी क़िस्मत के विसाले यार [1]होता
अगर और जीते रहते यही इन्तज़ार होता

शब्दार्थ:
  1. प्रिय से मिलन
« PreviousChapter ListNext »