Bookstruck

नश्शा-हा शादाब-ए-रंग ओ साज़-हा मस्त-ए-तरब

Share on WhatsApp Share on Telegram
« PreviousChapter ListNext »

नश्शा-हा शादाब-ए-रंग ओ साज़-हा मस्त-ए-तरब
शीशा-ए-मय सर्व-ए-सब्ज़-ए-जू-ए-बार-ए-नग़्मा है

हम-नशीं मत कह कि बरहम कर न बज़्म-ए-ऐश-ए-दोस्त
वाँ तो मेरे नाले को भी ए'तिबार-ए-नग़्मा है

« PreviousChapter ListNext »