
त्रिपिटक
by Siddhartha
त्रिपिटक (पाली:तिपिटक; शाब्दिक अर्थ: तीन पिटारी) बौद्ध धर्म का प्रमुख ग्रंथ है जिसे सभी बौद्ध सम्प्रदाय (महायान, थेरवाद, बज्रयान, मूलसर्वास्तिवाद, नवयान आदि) मानते है। यह बौद्ध धर्म के प्राचीनतम ग्रंथ है जिसमें भगवान बुद्ध के उपदेश संग्रहीत है। यह ग्रंथ पालि भाषा में लिखा गया है और विभिन्न भाषाओं में अनुवादित है। इस ग्रंथ में भगवान बुद्ध द्वारा बुद्धत्त्व प्राप्त करने के समय से महापरिनिर्वाण तक दिए हुए प्रवचनों को संग्रहित किया गया है। त्रिपीटक का रचनाकाल या निर्माणकाल ईसा पूर्व 100 से ईसा पूर्व 500 है।
Chapters
- त्रिपिटक
- ग्रंथ-विभाजन
- विनयपिटक
- विनयपिटक: सुत्तविभंग
- विनयपिटक: खंधक
- सुत्तपिटक
- सुत्तपिटक : दीघनिकाय
- सुत्तपिटक: मज्झिमनिकाय
- सुत्तपिटक: संयुत्त निकाय
- सुत्तपिटक : अंगुत्तरनिकाय
- सुत्तपिटक : खुद्दकनिकाय
- अभिधम्मपिटक
- अभिधम्मपिटक : धम्मसंगानी
- अभिधम्मपिटक : विभंग
- अभिधम्मपिटक : धातुकथा
- अभिधम्मपिटक : पुग्गलपंञति
- अभिधम्मपिटक : कथावत्थु
- अभिधम्मपिटक : यमक अलंकार
- अभिधम्मपिटक : पट्ठान







