डर
<p dir="ltr">खुबसूरत बहता झरना पर<br>
डर लगता है उसकी गहराई से <br>
खुबसूरत लगता हैं ढलता सूरज <br>
परंतु डराता हैं रात्रि का अंधेरा <br>
जलती दीपक भारतदीप की लौ करती उजाला <br>
हर अंधेरे में,उस लौ से जल सकता हैं विशव <br>
जो वजह है तकरार की </p>
<p dir="ltr">डर लगता हैं खुद को खोने से <br>
इन्सानो जैसे दिखने वाले जानवरों से <br>
उस सच से जिसे अपनाना नहीं चाहता मन <br>
भूलना चाहें जिसे मानकर एक दू:स्वपन </p>
<p dir="ltr">माँ चाहतीं है बचाना चाहती हैं जिस <br>
खुबसूरत दुनिया के खौफ़नाक चेहरे से <br>
लेकिन क्या यदि यह चेहरे अपनो में ही शामिल हो </p>
डर लगता है उसकी गहराई से <br>
खुबसूरत लगता हैं ढलता सूरज <br>
परंतु डराता हैं रात्रि का अंधेरा <br>
जलती दीपक भारतदीप की लौ करती उजाला <br>
हर अंधेरे में,उस लौ से जल सकता हैं विशव <br>
जो वजह है तकरार की </p>
<p dir="ltr">डर लगता हैं खुद को खोने से <br>
इन्सानो जैसे दिखने वाले जानवरों से <br>
उस सच से जिसे अपनाना नहीं चाहता मन <br>
भूलना चाहें जिसे मानकर एक दू:स्वपन </p>
<p dir="ltr">माँ चाहतीं है बचाना चाहती हैं जिस <br>
खुबसूरत दुनिया के खौफ़नाक चेहरे से <br>
लेकिन क्या यदि यह चेहरे अपनो में ही शामिल हो </p>