हमको हालात ने मजबूर
हमको हालात ने मजबूर कर दिया साथी ।
इस तरह तोड़ा चूर चूर कर दिया साथी ।।
आपको देखकर फिजायें भी शर्माती थी ।
आपके नूर को बेनूर कर दिया साथी ।।
क्या खता हमसे हुई रूठी ये खुदाई है ।
हमको एक दूसरे से दूर कर दिया साथी ।।
आपकी याद में मैंने जो नज्म गाई है ।
हमसे गुमनाम को मशहूर कर दिया साथी ।।
(अनिल सिंह )