
नारी
by Anonymous
"नारी" माना वो एक नारी है पर अरद्धागिंनी तुम्हारी है तन मन धन और अपना जीवन सब तुम पर ही वारी है प्यार मान सम्मान दे तुमको पर इन सब की वो भी अधिकारी है तन से ही कमजोर नही मन से भी बेहद भारी है भावुक है पर अबला नही क्यूँ की वह चण्डी की भी अवतारी है प्रीति चौधरी









