Bookstruck

साढ़े साती शुभ भी

Share on WhatsApp Share on Telegram
« PreviousChapter List

शनि की ढईया और साढ़े साती को प्रायः अशुभ एवं हानिकारक ही माना जाता है। विद्वान ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार शनि सभी व्यक्ति के लिए कष्टकारी नहीं होते हैं। शनि की दशा में बहुत से लोगों को अपेक्षा से बढ़कर लाभ, सम्मान व वैभव की प्राप्ति होती है। हालांकि कुछ लोगों को शनि की दशा में काफी परेशानी एवं कष्ट का सामना करना होता है। इस प्रकार शनि केवल कष्ट ही नहीं देते बल्कि शुभ और लाभ भी प्रदान करते हैं। इस दशा के समय यदि चन्द्रमा उच्च राशि में होता है तो अधिक सहन शक्ति आ जाती है और कार्य क्षमता बढ़ जाती है जबकि कमज़ोर व नीच का चन्द्र सहनशीलता को कम कर देता है व मन काम में नहीं लगता है। इससे समस्याएं और बढ़ जाती हैं। जन्म कुण्डली में चन्द्रमा की स्थिति का आंकलन करने के साथ ही शनि की स्थिति का आंकलन भी आवश्यक होता है। अगर लग्न,वृष,मिथुन,कन्या,तुला,मकर अथवा कुम्भ है तो शनि हानि नहीं पहुंचाते हैं वरन उनसे लाभ व सहयोग मिलता है शनि यदि लग्न कुण्डली व चन्द्र कुण्डली दोनों में शुभ कारक है तो किसी भी तरह शनि कष्टकारी नहीं होता है। कुण्डली में स्थिति यदि इसके विपरीत है तो साढ़े साती के समय काफी समस्या और एक के बाद एक कठिनाइयों का सामना होता पड़ता है। यदि चन्द्र राशि एवं लग्न कुण्डली उपरोक्त दोनों प्रकार से मेल नहीं खाते हों अर्थात एक में शुभ हों और दूसरे में अशुभ तो साढ़े साती के समय मिला-जुला प्रभाव मिलता है।

« PreviousChapter List