Bookstruck

श्री सांई आरती

Share on WhatsApp Share on Telegram
« PreviousChapter ListNext »

   
कलियुग के श्रीराम हैं सांई, कलियुग के श्रीकृष्ण कन्हाई
कलियुग के तुम ब्रह्मा, विष्णु, कलियुग के शिवशंकर सांई
जय-जय सांई, ॐ सांई, सत्य सनातन कण-कण सांई
कलियुग के गुरुनानक सांई, कालचक्र के क्षण-क्षण सांई,

कलियुग के श्रीराम हैं सांई, कलियुग के श्रीकृष्ण कन्हाई
कलियुग के तुम ब्रह्मा, विष्णु, कलियुग के शिवशंकर सांई
जय-जय सांई, ॐ सांई, सत्य सनातन कण-कण सांई
जब-जब विपदा मुझ पर आई, क्रूर धूप जब जग पर छाई
बदली बनकर नीलगगन से, मन आंगन पर करुण बनकर
परछाईं बन छाये सांई।

कलियुग के श्रीराम हैं सांई, कलियुग के श्रीकृष्ण कन्हाई
कलियुग के तुम ब्रह्मा, विष्णु, कलियुग के शिवशंकर सांई
जय-जय सांई, ॐ सांई, सत्य सनातन कण-कण सांई
अवनि अंबर तुमसे सांई, तुम ही हो जग की सच्चाई,
जब-जब छाया जग अंधियारा, जल से ज्योति जलाये सांई,

कलियुग के श्रीराम हैं सांई, कलियुग के श्रीकृष्ण कन्हाई
कलियुग के तुम ब्रह्मा, विष्णु, कलियुग के शिवशंकर सांई
जय-जय सांई, ॐ सांई, सत्य सनातन कण-कण सांई
कहने को तुम शिरडी वाले, किंतु सच में सबके सांई,
जिसने भी चाहा है मन से, उसका घर शिरडी बन जाता,
सांई खुद चलकर आते हैं, संग-संग आती द्वारका माई

कलियुग के श्रीराम हैं सांई, कलियुग के श्रीकृष्ण कन्हाई
कलियुग के तुम ब्रह्मा, विष्णु, कलियुग के शिवशंकर सांई
जय-जय सांई, ॐ सांई, सत्य सनातन कण-कण सांई

« PreviousChapter ListNext »