Bookstruck

बहु नवल , जरि नेई यदुसि क...

Share on WhatsApp Share on Telegram
« PreviousChapter ListNext »

अंक तिसरा - प्रवेश पहिला - पद ३२

बहु नवल, जरि नेई यदुसि काळ ॥ध्रु०॥

मति चपल अति, बल-धन यौवन, मृत कसा यदुबाल ॥१॥

(राग - खमाज, ताल - दीपचंदी, 'ऐसी ना मारे पिचकारी' या चालीवर.)

« PreviousChapter ListNext »