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निजरूप इला मी दाऊ का । नि...

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राग - कालंगडा ताल -त्रिताल


निजरूप इला मी दाऊ का । निज० ॥धृ०॥
सर्व चरित मम सांगुनि येथुनि सुंदरिला गृहि नेऊ का । निज० ॥१॥

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