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मा - माता दिसली समरीं विरहत , ...

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राग सिंधुरा, ताल त्रिवट.

माता दिसली समरीं विरहत, नेत सकल नरवीर रणासि ॥ध्रु०॥

मस्तकमाला गुंफित कालमहेश्‍वरपतिसेवेसि ॥ रणासि ॥१॥

शिकवित भक्‍ता ही लीला जणुं भीषणयुद्धकलेसि ॥ रणासि ॥२॥

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