Bookstruck

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(राग : भीमपलास, चाल : छोलन मेढें घर जावे)
निंद्य जीवनक्रम अमुचा ॥ आमरणांत निशिदिनिं सततचि
एकरुप पालट ना त्याचा ॥धृ०॥
स्मित सोंगी स्तुति लटकी आर्जव ॥ तोषरोष दांभिक वरवरचा ॥१॥
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