Bookstruck

१६

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(दिंडी)
जेथ मित्रा तत्त्वार्थ पहायाला ।
शक्ति नसते भुपाल लोचनांला ॥
तिथें वक्त्याला दैन्य रोकडें तें ।
समज अथवा बहु निंद्य मरण येतें ॥१॥
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