Bookstruck

2 कोरोना

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कोरोना कोरोना
से तुम क्यू डरोना,
ये तुच्छ जीवाणु 
तुम विशाल मानव। 
फिर भी डरोना,
छोड़ोना छोड़ोना
है ये डर किस बात का,
छोड़ो ना..

नमस्कार करो ना,
धीरज धरो ना,
विचलित मत होओ ना,
खुश रहो ना,
बाहर मत निकलो ना,
मम्मी को सताओ ना,
पापा को हँसाओ ना,
प्रेम से रहो ना,
मस्त रहो ना,
छोड़ोना छोड़ोना
डरना भी अब छोड़ोना |

हैं वक्त ये दुर्लभ
फिर कभी ना आएगा,
प्रेम भरे क्षण बिताओ ना,
फ़ेसबुक टिकटोक को छोड़ोना
कोरोना कोरोना को
भुल जाओ ना।

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