Bookstruck

13 आग

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एक आग जो दिखती नहीं, 
बस जलती हैं,
रोज जलती हैं,
सुबह शाम जलती हैं|

तेरे अंदर, 
मेरे अंदर,
हम सबके अंदर जलती हैं|

नहीं देखती वो,
अमीर गरीब, धर्म जाति,
या नस्ल लिंग का भेदभाव|

सभी पक्षपातों से परे,
लेती हैं सबको रोज अपनी लपटों में, 
बुझ सकती नहीं जो पानी से,
मिटा सकता नहीं जिसे कोई अग्निशामक (fire extinguisher),
वो आग,
भूख की आग हैं।

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