
बेताल-पच्चीसी
by Anahita
भारतवर्ष में बेताल-पच्चीसी काफी पहले से मनोरंजन और शिक्षा के साधन के रूप में रहे हैं। ये मनोरंजन के रूप में हमें नीति का भी ज्ञान दे देते हैं। बेताल हर रोज़ एक कहानी सुनाता है और आख़िर में राजा से ऐसा सवाल कर देता है कि राजा को उसका जवाब देना ही पड़ता है। उसने शर्त लगा रखी है कि अगर राजा बोलेगा तो वह उससे छूटकर फिर से पेड़ पर जा लटकेगा। लेकिन यह जानते हुए भी सवाल सामने आने पर राजा से चुप नहीं रहा जाता। बैताल पचीसी (वेताल पचीसी या बेताल पच्चीसी (संस्कृत:बेतालपञ्चविंशतिका) पच्चीस कथाओं से युक्त एक ग्रन्थ है।
Chapters
- प्रारंभ
- पहली कहानी
- दूसरी कहानी
- तीसरी कहानी
- चौथी कहानी
- पाँचवींकहानी
- छठी कहानी
- सातवीं कहानी
- आठवींकहानी
- नवीं कहानी
- दसवीं कहानी
- ग्यारहवीं कहानी
- बारहवीं कहानी
- तेरहवीं कहानी
- चौदहवीं कहानी
- पन्द्रहवीं कहानी
- सोलहवीं कहानी
- सत्रहवीं कहानी
- अठारहवीं कहानी
- उन्नीसवीं कहानी
- बीसवीं कहानी
- इक्कीसवीं कहानी
- बाईसवीं कहानी
- तेईसवीं कहानी
- चौबीसवीं कहानी
- पच्चीसवीं कहानी








