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साराह जो

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जो जॉन के बेटे और उसके साथियों को लेकर गई थी लेकिन कभी वापिस नहीं आयी

1979 की एक खुशनुमा सुबह पीटर हेन्चेट, बेन्जामिन कालमा, रॉल्फ मलइकिनी, स्कॉट मुरमन  और पैट्रिक वॉइसनेर, पाँच मँझे हुए मछुआरों ने समुन्द्र में सैर करने का फैसला किया।  सत्रह फुट लम्बी बोस्टन व्हॅलेर नाव जिसे वो साराह जो बुलाते थे,उसे लेकर वो समुद्र में उतर गए।

शुरआती सफर बहुत अच्छा था, पीटर के पापा जॉन हेन्चेट उन सबको जाते देख रहे थे, अभी भी जॉन को वो सब दिखाई दे रहे थे, तभी जॉन ने समुद्र में दूसरी तरफ से उफनती लहरों को देखा,वो अपने बेटे और उसके साथियों को आवाज़ लगाना चाहता था लेकिन तब तक वो सब आँखों से ओझल हो चुके थे। धीरे धीरे बारिश होने लगी और समुद्र में लहरें और ऊँचे उठने लगी ,जॉन का दिल किसी अनहोनी की आशंका से बैठा जा रहा था ,उसने उसी वक़्त समुन्द्र में जाने का फैसला किया लेकिन उसके साथियों ने इतने भयानक तूफ़ान में उसे जाने नहीं दिया।

तूफ़ान जब शांत हुआ तो जॉन के साथी जिम कुशमैन और जोन नॉटन ने उसके साथ चलने का फैसला किया। तीन दिन तक वो तीनो समुन्द्र में उन पाँचो और साराह जो को ढूँढते रहे लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली, थक हार कर वो वापिस चले गए।

इस घटना के दस साल बाद जोन नॉटन जो एक समुद्री जीव वैज्ञानिक भी था, उसे अपनी यात्रा के दौरान  मार्शल आइलैंड के एक  हिस्से ताओंगी में एक छोटी नाव मिली जो 17 फ़ीट लम्बी थी,वो उसे साराह जो जैसी लगी,उसने अपने दोस्त जॉन  हेनचेट को खबर की। जॉन को भी नाव साराह जो जैसी ही लगी,जो उसके बेटे और उसके साथियों को लेकर गई थी लेकिन कभी वापिस नहीं आयी। नाव हवाई में रजिस्टर्ड थी और उसमे से एक कागज़ में लिपटी  हुई जबड़े की हड्डी भी मिली।  जाँच से पता चला के ये हड्डी स्कॉट मूरमेन की थी। चाइना में इस तरह के पेपर में हड्डी को लपेटना अगले जनम में अच्छे शरीर  को मिलने का सूचक है लेकिन ये पता नहीं चला के स्कॉट के जबड़े की हड्डी चाइनीज़ पेपर में कैसे आई?

जॉन ध्यान से नाव को देख रहा था और सोच रहा था कि  सरकारी सर्वे का कहना था कि ये नाव छ साल पहले ही यहाँ आई है तो फिर उससे पहले ये नाव कहाँ थी और अचानक यहाँ कैसे पहुँच गई और नाव में स्कॉट मूरमेन की पेपर में लिपटी जबड़े की हड्डी कहाँ से आयी ? और क्या पाँचो लड़को में से कोई ज़िंदा हो सकता है, ये ऐसे प्रशन थे जिनका जवाब ढूँढना अभी बाकी था?

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