Bookstruck

हनुमान का जन्म

Share on WhatsApp Share on Telegram
« PreviousChapter ListNext »

जब अग्नि भगवान ने अयोध्या के राजा दशरथ को अपनी पत्नियों में बांटने के लिए खीर दी ताकि उनके घर  में अलोकिक बच्चे जन्म ले सकें तो उस खीर का एक हिस्सा एक बाज़ ने ले  कर जहाँ अंजना तपस्या कर रही थीं वहां पहुँचाया और पवन देव ने खीर की एक बूँद को अंजना के फैले हाथों में डाल दिया | जब उन्होनें खीर का सेवन किया तो उनके गर्भ से हनुमान का जन्म हुआ | इस तरह भगवान् शिव ने बन्दर का रूप लिया और अंजना के गर्भ से हनुमान के रूप में जन्म लिया | 

« PreviousChapter ListNext »