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काहुएंगा दर्रा का खजाना

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इस खजाने का इतिहास बेहद दिलचस्प है। सन 1864 में मैक्सिको के राष्ट्रपति बेनिटो ने अपने कुछ सैनिकों के साथ खजाने को ‘सेन फ्रांसिस्को’ भेजा था। लेकिन, बीच रास्ते में कुछ  गड़बड़ हो गई और एक सैनिक की मौत हो गई। बाकी के तीन सैनिकों ने खजाना रास्ते में ही जमीन में गाड़ दिया। कहा जाता है कि ऐसा करते हुए एक व्यक्ति डिएगो मोरेना ने उन्हें देख लिया। सैनिकों के जाने के बाद डिएगो ने उस खजाने को वहां से निकल कर पास ही की एक पहाड़ी के ऊपर गाड़ दिया। लेकिन, उसी रात डिएगो की भी मृत्यु हो गई। अपनी मौत से पहले वो यह राज अपने दोस्त को बता गया। बाद में 1885 में बास्क शेफर्ड नामक एक व्यक्ति को इस खजाने का थोडा बहुत हिस्सा मिला। वह इस खजाने को स्पेन ले जा रहा था, तभी समुद्र में खजाना डूब गया। अब तक यह खजाना किसी के हाथ नहीं लग सका है।
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