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भूमिका

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'न कोई मरता है और न ही कोई मारता है, सभी निमित्त मात्र हैं...सभी प्राणी जन्म से पहले बिना शरीर के थे, और मरने के उपरांत वे बिना शरीर वाले हो जाएंगे। यह तो बीच में ही शरीर वाले देखे जाते हैं, फिर इनका शोक क्यों करते हो।- कृष्ण
 
 
3112 ईसा पूर्व हुए  भगवान श्रीकृष्ण एक राजनीतिक, आध्यात्मिक और योद्धा ही नहीं थे वे हर तरह की विद्याओं में भी पारंगत थे। भगवान श्रीकृष्ण से धर्म का एक नया रूप और संघ शुरू होता है। श्रीकृष्ण ने धर्म, राजनीति, समाज और नीति-नियमों का एक व्यवस्थीकरण किया था।
 
आयें पढ़ें कृष्ण के जीवन से जुड़े  14 रहस्यमयी राज़  जिन्हें जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
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