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भक्त प्रह्लाद

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बालक प्रह्लाद की कथा का वर्णन श्रीमद्भागवत में मिलता है। प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यपु दैत्यों के राजा थे। वह भगवान विष्णु को अपना शत्रु मानता था परंतु प्रह्लाद तो भगवान विष्णु का परम भक्त था। जब यह बात हिरण्यकश्यपु को पता चली तो उसने प्रह्लाद पर अनेक अत्याचार किए, लेकिन फिर भी प्रह्लाद की ईश्वर भक्ति कम न हुई। अंत में स्वयं भगवान विष्णु प्रह्लाद की रक्षा के लिए नृसिंह अवतार लेकर प्रकट हुए। नृसिंह भगवान ने हिरण्यकश्यपु का वध कर दिया और प्रह्लाद को अपनी गोद में बैठा कर प्रेम किया।
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