Bookstruck

अंग्रेजों का आक्रमण

Share on WhatsApp Share on Telegram
« PreviousChapter ListNext »
अंग्रेज सोची-समझी रणनीति के तहत पहले व्यापार करने भारत आए। अंग्रेजों को भारत में व्यापार करने का अधिकार जहांगीर ने 1618 में दिया था। इसमें जहांगीर की भी रणनीति थी। जहांगीर और अंग्रेजों ने मिलकर 1618 से लेकर 1750 तक भारत के अधिकांश रजवाड़ों को छल से अपने कब्जे में ले लिया था। बंगाल उनसे उस समय तक अछूता था और उस समय बंगाल का नवाब था सिराजुद्दौला। हालांकि अंग्रेजों ने सत्ता राजपूतों, सिखों आदि से छीनी थी, लेकिन प्लासी के युद्ध की ज्यादा चर्चा की जारी है। यह एक अधूरा सच है।
 
प्लासी का युद्ध 23 जून 1757 को मुर्शिदाबाद के दक्षिण में 22 मील दूर नदिया जिले में गंगा नदी के किनारे 'प्लासी' नामक स्थान में हुआ था। इस युद्ध में एक ओर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना थी तो दूसरी ओर बंगाल के नवाब की सेना। कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराजुद्दौला को हरा दिया था। युद्ध को भारत के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण माना जाता है। इस युद्ध से ही भारत की दासता की कहानी शुरू होती है।
 
इसके बाद कंपनी ने ब्रिटिश सेना की मदद से धीरे-धीरे अपने पैर फैलाना शुरू कर दिया और लगभग संपूर्ण भारत पर कंपनी का झंडा लहरा दिया। उत्तर और दक्षिण भारत के सभी मुस्लिम शासकों सहित सिख, मराठा, राजपूत और अन्य शासकों के शासन का अंत हुआ।

« PreviousChapter ListNext »