Bookstruck

भूमिका

Share on WhatsApp Share on Telegram
Chapter ListNext »
यहां यह बात ध्यान रखने की है कि वेदों का कहना है कि 'ईश्वर अजन्मा है।' यहां हम ईश्वर की बात नहीं करेंगे। हम देवों के देव महादेव की बात करेंगे, जो सबसे ज्यादा ईश्वरतुल्य हैं। हिन्दू धर्म मानता है कि ईश्वर ने कुछ भी नहीं बनाया। उसकी उपस्थिति से सब कुछ खुद ही बनता गया। ईश्वर समय और आकाश की तरह है जिसके भीतर सब कुछ है फिर भी वह सबसे बाहर है और उसके भीतर कुछ भी नहीं है।
 
ब्रह्मा, विष्णु और शिव का जन्म एक रहस्य है। तीनों के जन्म की कथाएं वेद और पुराणों में अलग-अलग हैं। उनके अलग-अलग होने का कारण यह है कि जो शिव को मानते हैं, वे शिव को ही केंद्र में रखकर अपना दर्शन गढ़ते हैं और जो विष्णु को मानते हैं, वे विष्णु को केंद्र में रखते हैं। लेकिन सभी पुराण इस बात पर  सहमत हैं कि ‍शिव ने ब्रह्मा के पुत्र दक्ष की पुत्री सती और विष्णु ने ब्रह्मा के पुत्र भृगु की पुत्री सरस्वती से विवाह किया था। ऐसे में सभी तरह की अलंकारिक और श्रृंगारिक कथाओं के रहस्य को समझना जरूरी है।

Chapter ListNext »