
मंदिरों का सत्य
by हिंदी संपादक (विशेष लेखन)
भारतीय समाज में मंदिर का निर्माण और मूर्तियों का पूजन कब शुरू हुई ये अभी तक एक रहस्य बना हुआ है | ये भी सच है की वैदिक काल में मूर्ति पूजन नहीं हुआ करता था | तब सभी लोग एक शिला पर खड़े हो ब्रह्म का आह्वान करते थे |इसके इलावा यज्ञों द्वारा भी प्रभु की पूजा अर्चना की जाती थी | शिवलिंग का पूजन तो तब भी प्रचलन में था |उस समय के ऋषि जंगल में अपना घर बना तपस्या कर अपना जीवन व्यतीत करते थे | हांलाकि लोग सभी देवी देवताओं का पूजन करते थे लेकिन वह मंदिरों में जाकर नहीं होता था | आईये जानते हैं मंदिरों से जुडी और ऐसी कई रोचक बातें
Chapters
- अर्थ
- मंदिर की वास्तुकला
- घंटी का महत्त्व
- उर्जा के केंद्र
- मंदिरों का मूल
- मंदिर के नियम
- पूजा के दिन
- संध्या उपासना
- मंदिर का प्रार्थना पर असर
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