
राशि मंत्र
by संकलित
हिन्दू श्रुति ग्रंथों की कविता को पारंपरिक रूप से मंत्र कहा जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ विचार या चिन्तन होता है। मन्त्र भी एक प्रकार की वाणी है, परन्तु साधारण वाक्यों के समान वे हमको बन्धन में नहीं डालते, बल्कि बन्धन से मुक्त करते हैं। काफी चिन्तन-मनन के बाद किसी समस्या के समाधान के लिये जो उपाय/विधि/युक्ति निकलती है उसे भी सामान्य तौर पर मंत्र कह देते हैं।
Chapters
- मकर राशि का मन्त्र
- धनु राशि का मन्त्र
- वृश्चिक राशि का मन्त्र
- तुला राशि का मन्त्र
- कन्या राशि का मन्त्र
- सिंह राशी का मन्त्र
- कर्क राशि का मन्त्र
- मिथुन राशि का मन्त्र
- वृष राशि का मन्त्र
- मेष राशि का मन्त्र









