Bookstruck

Ghazal

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मैं जब जब तेरी इश्क पे फिदा होता हूँ ।
समुंदर सी खामोश लगने लगता हूँ ।।
तेरी तन्हाई पर जब भी कभी तुझे याद सा करता हूँ ।
तेरी जूल्फो के हसीन मंजर पे मरने लगता हूँ ।।
तेरे साथ हर एक लम्हा जो मैंने गूजारा है ।
वो जन्नत का एहसास करने सा लगता है ।।
तूझसे बात करने को मेरा दिल हर सा मचलता है।
तेरे सामने आ जाने से सांसे अटक सा जाता है ।।
सैफ हर पल अपने दिल को कोसता रहता है ।
उसके सामने तेरा जुबान क्यों बन्द होने लगता है ।।

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