Ghazal
<p dir="ltr">मैं जब जब तेरी इश्क पे फिदा होता हूँ ।<br>
समुंदर सी खामोश लगने लगता हूँ ।।<br>
तेरी तन्हाई पर जब भी कभी तुझे याद सा करता हूँ ।<br>
तेरी जूल्फो के हसीन मंजर पे मरने लगता हूँ ।।<br>
तेरे साथ हर एक लम्हा जो मैंने गूजारा है ।<br>
वो जन्नत का एहसास करने सा लगता है ।।<br>
तूझसे बात करने को मेरा दिल हर सा मचलता है।<br>
तेरे सामने आ जाने से सांसे अटक सा जाता है ।।<br>
सैफ हर पल अपने दिल को कोसता रहता है ।<br>
उसके सामने तेरा जुबान क्यों बन्द होने लगता है ।।</p>
समुंदर सी खामोश लगने लगता हूँ ।।<br>
तेरी तन्हाई पर जब भी कभी तुझे याद सा करता हूँ ।<br>
तेरी जूल्फो के हसीन मंजर पे मरने लगता हूँ ।।<br>
तेरे साथ हर एक लम्हा जो मैंने गूजारा है ।<br>
वो जन्नत का एहसास करने सा लगता है ।।<br>
तूझसे बात करने को मेरा दिल हर सा मचलता है।<br>
तेरे सामने आ जाने से सांसे अटक सा जाता है ।।<br>
सैफ हर पल अपने दिल को कोसता रहता है ।<br>
उसके सामने तेरा जुबान क्यों बन्द होने लगता है ।।</p>