Bookstruck

kavita

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"खवाईश"है ऐक पल मे पूरी ज़िन्दगी जीने की
हा "खवाईश" है मुजे हर खुशी पा लेने की

जानती हु सब कुछ नहीं मिलता इस दुनिया में मांगने पर......
फिर भी एक "खवाईश" है,के सब कुछ पा ना है माग कर.

जाना चाहती हु उस बचपन में, जहा मिल जाती थी छोटी छोटी बातो की खुशी...
हा मुजे वही "खवाईश" है के वो बचपन वापस मिल जाए.

सपने देखना कोइ बुरी बात नहीं होती,मे तो कहेती हु हर किसी को सपने देखने चाहिए....
कयौकि सपनो की तरह कई "खवाईश" भी अधुरी रह जाती हैं.

बस उन "खवाईशो" को पुरी करने की कोशिश हैं मेरी कया पता मेरी तरह आपकी "खवाईश" पुरी हो जाएे.

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