अधुरी मोहब्बत
मोहब्बत मंद मंद मुस्काई
जब मछली और पंछ़ी की मुलाकात हुई
पल भर के लिए पंछ़ी पानी की और बढ़ा
और मछली आसमा की और
फिर से मोहब्बत मंद मंद मुस्काई
पंछ़ी और मछली की नजर
एक दुसरे से टकराई
पंछ़ी पानी पी तो सका
पर पानी मे रह न पाया
मछली ने खुली हवा में सास तो ली
पर बाहर रह न पाई
फिर से मोहब्बत मंद मंद मुस्काई
पंछ़ी और मछली को मजबुरी समझ आई
मछली के आसु से खारा हुआ पानी
पंछ़ीके क्रोध से हवा गरमाई
फिर से मोहब्बत मंद मंद मुस्काई
पंछ़ी पानी में डूब गया
मछली बाहर आके मर गई
अगला जनम पंछ़ी को पानी मे मिला
और मछली को हवा मे
फिर से मोहब्बत मंद मंद मुस्काई
और दोनोने अपनी कहाणी दोहराई
इस बार वो समझ गए
मोहब्बत दोनों को है बस मिलन मुश्कील है
फिर से मोहब्बत मंद मंद मुस्काई
दोनोने अपनी जगहसे ही मोहब्बत करनी ठाणी
एक ने पानी मे राज़ किया
एक ने हवा मे राज़ किया
फिर से मोहब्बत मंद मंद मुस्काई
प्यासा पंछ़ी पानी छू गया
और बैचेन मछली हवा से मिल आई..