स्त्री
<p dir="ltr">दैव जर शिल्पकार असतिल तर,<br>
स्त्री ही त्यांची विलक्षणीय पुर्णमूर्ती।।</p>
<p dir="ltr">दैव जर रंगारी असतिल तर,<br>
स्त्री ही त्यांची सर्वश्रेष्ट रँगाकृती ।।</p>
<p dir="ltr">दैव जर क्षत्रिय असतिल तर,<br>
स्त्री ही त्यांची प्रभावी योद्धशक्ती।।</p>
<p dir="ltr">दैव जर कलावंत असतिल तर,<br>
स्त्री ही त्यांची अप्रतिम कलाकृती।।</p>
<p dir="ltr">दैव जर लेखक असतिल तर,<br>
स्त्री ही त्यांची मनमोहक लेखाकृती।।</p>
स्त्री ही त्यांची विलक्षणीय पुर्णमूर्ती।।</p>
<p dir="ltr">दैव जर रंगारी असतिल तर,<br>
स्त्री ही त्यांची सर्वश्रेष्ट रँगाकृती ।।</p>
<p dir="ltr">दैव जर क्षत्रिय असतिल तर,<br>
स्त्री ही त्यांची प्रभावी योद्धशक्ती।।</p>
<p dir="ltr">दैव जर कलावंत असतिल तर,<br>
स्त्री ही त्यांची अप्रतिम कलाकृती।।</p>
<p dir="ltr">दैव जर लेखक असतिल तर,<br>
स्त्री ही त्यांची मनमोहक लेखाकृती।।</p>