शराबी
मैं मय न पिया होता तो,
मैं शायद मर गया होता।
शराब इतनी बुरी नहीं मेरे मित्रों ,
अगर बुरी होती॒ तो ब्रॉड मे नहीं आती ।
शराब नहीं होता कोई भी नशा।
होता है तो केवल प्रोटीन और वशा।।
जिसे एक बार मय की हवा लगी।
फिर उसे न ही दुआ न ही दवा लगी।।
मैं मय न पिया होता तो,
मैं शायद मर गया होता।
शराब इतनी बुरी नहीं मेरे मित्रों ,
अगर बुरी होती॒ तो ब्रॉड मे नहीं आती ।
शराब नहीं होता कोई भी नशा।
होता है तो केवल प्रोटीन और वशा।।
जिसे एक बार मय की हवा लगी।
फिर उसे न ही दुआ न ही दवा लगी।।