
बेताल पच्चीसी
by संकलित
बेताल पच्चीसी के रचयिता बेतालभट्ट बताये जाते हैं जो न्याय के लिये प्रसिद्ध राजा विक्रम के नौ रत्नों में से एक थे। ये कथायें राजा विक्रम की न्याय-शक्ति का बोध कराती हैं। बेताल प्रतिदिन एक कहानी सुनाता है और अन्त में राजा से ऐसा प्रश्न कर देता है कि राजा को उसका उत्तर देना ही पड़ता है। उसने शर्त लगा रखी है कि अगर राजा बोलेगा तो वह उससे रूठकर फिर से पेड़ पर जा लटकेगा। लेकिन यह जानते हुए भी सवाल सामने आने पर राजा से चुप नहीं रहा जाता।
Chapters
- पच्चीसवीं कहानी
- इक्कीसवीं कहानी
- बाईसवीं कहानी
- तेईसवीं कहानी
- चौबीसवीं कहानी
- उन्नीसवीं कहानी
- बीसवीं कहानी
- सत्रहवीं कहानी
- अठारहवीं कहानी
- सोलहवीं कहानी
- तेरहवीं कहानी
- चौदहवीं कहानी
- पन्द्रहवीं कहानी
- बारहवीं कहानी
- दसवीं कहानी
- ग्यारहवीं कहानी
- नवीं कहानी
- आठवीं कहानी
- सातवीं कहानी
- पाँचवीं कहानी
- छठी कहानी
- चौथी कहानी
- तीसरी कहानी
- दूसरी कहानी
- पहली कहानी
- कथारंभ
- जानकारी









