राह भूले पथिक
<p dir="ltr">राह भूले पथिक किन राहों में चलेंगे <br>
रुठे हैं खुद से किसी से क्या कहेंगे <br>
नेनौ से बाहें नीर बन न जाए सागर <br>
रोकने को खुद को करते कितने जतन है <br>
जीवन हर मौर पर कुर्बानी मँगती हैं <br>
जीने को जीवन गुलामि मँगती हैं </p>
<p dir="ltr">घेरे है अंधेरे काले-काले घनघोर <br>
तुफानो में फ़सि हैं जैसे जीवन की डोर <br>
इस पर भी टूटी न आसा थोड़ी बची हैं <br>
सिमटे सकुचे मन के किसी कोने में परी है <br>
लौ सी है जलती धीमी उसकी गति हैं <br>
जला देगी मुझको एक पल में प्रज्वलित हो <br>
परन्तु नेनौ के बदरा से बेचारी घिरी है </p>
रुठे हैं खुद से किसी से क्या कहेंगे <br>
नेनौ से बाहें नीर बन न जाए सागर <br>
रोकने को खुद को करते कितने जतन है <br>
जीवन हर मौर पर कुर्बानी मँगती हैं <br>
जीने को जीवन गुलामि मँगती हैं </p>
<p dir="ltr">घेरे है अंधेरे काले-काले घनघोर <br>
तुफानो में फ़सि हैं जैसे जीवन की डोर <br>
इस पर भी टूटी न आसा थोड़ी बची हैं <br>
सिमटे सकुचे मन के किसी कोने में परी है <br>
लौ सी है जलती धीमी उसकी गति हैं <br>
जला देगी मुझको एक पल में प्रज्वलित हो <br>
परन्तु नेनौ के बदरा से बेचारी घिरी है </p>